Jalsu Pass Trek | जालसू जोत यात्रा (2016) | भाग- II
जालसू जोत यात्रा (2016) | भाग- I में आपने पढ़ा की कैसे हम भीगते हुए प्रेईं गोठ तक पहुँचते हैं जो आज रात हमारा ठिकाना होगा। अब आगे- हम दोनों को मिला कर डेरे में कुल 5 लोग हैं। बीमार पिताजी, उनकी धर्म पत्नी व एक अन्य मुसाफिर। कुकिंग का जिम्मा अंकल का है जो मिट्टी के तेल के लैंप की रौशनी में रात का खाना बना रहे हैं। आंटी सिर्फ़ मोरल सपोर्ट के लिए मौजूद हैं। चूल्हे के पास बैठ कर 'चाय पर चर्चा' शुरू होती है। मुद्दा है - सूबे की राजनीति। हम दोनों ही गद्दी भाषा समझने में असमर्थ हैं इसलिए सब-टाइटल्स से काम चल रहे हैं। अपने पल्ले सिर्फ इतना पड़ रहा है की तत्कालीन माननीय वन मंत्री जी के काण्ड किस्से धौलाधार के इस तरफ़ भी उतने ही मशहूर हैं जितने की चम्बा वाली तरफ़।