Snow Trek to Hanumangarh Peak (3070 m) | हनुमानगढ़ चोटी यात्रा (नवंबर 2018)
हनुमानगढ़ पीक मेरा पहला विंटर ट्रैक था। आखिरी भी हो सकता था। कैरियर का? या शायद जीवन का ही? मालूम नहीं। बस इतना पता है कि आगे से मैं कभी सर्दियों में ट्रैकिंग नहीं करूँगा। 'भालू प्रोन एरिया' में तो बिल्कुल नहीं। यही मेरा न्यू ईयर रेसोल्यूशन है। इस ट्रैक की कहानी इतनी खौफ़नाक है कि इस पर "I Shouldn't be alive" का एक दमदार एपिसोड बन सकता है। जैसे एक मीटिंग मोदी जी किए थे बेयर ग्रिल्स के साथ, वैसे ही एक हम भी किए थे 'बेयर' के साथ। फ़र्क सिर्फ़ इतना सा है कि हमारी वाली मीटिंग ज़्यादा 'वाइल्ड' थी। इससे प हले मैं भालू से नहीं डरता था। भालू का खूब मज़ाक उड़ाता था। जो लोग मुझसे पूछते थे कि तुम्हें भालू से डर नहीं लगता उन्हें भालू से बचने की 'निन्जा टेक्नीक' सिखाया करता था। फिर एक दिन मैं इस ट्रैक पर गया। बस उस दिन रात से मुुुझे भालू से भोत डर लगता है।